रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) की स्थापना नवंबर, 1962 में रक्षा के लिए आवश्यक हथियारों/प्रणालियों/प्लेटफार्मों/उपस्करों का उत्पादन करने के लिए एक व्यापक बुनियादी ढांचे के विकास के उद्देश्य से की गई थी । पिछले वर्षों में इस विभाग ने आयुध निर्मार्णियों और सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों(डीपीएसयू) के माध्यम से विभिन्न रक्षा उपस्करों के लिए व्यापक उत्पादन सुविधाएं स्थापित की हैं । विनिर्मित उत्पादों में हथियार एवं गोलाबारूद, टैंक, हेलीकॉप्टर, युद्धपोत, पनडुब्बियां, मिसाइलें, गोलाबारूद, इलेक्ट्रानिक उपस्कर, अर्थमूविंग उपस्कर, विशेष मिश्र धातुएं और विशेष प्रयोजन वाले इस्पात शामिल हैं ।
रक्षा उत्पादन विभाग के अंतर्गत प्रमुख संगठन हैं :
- हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल)
- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड(बीईएल)
- भारत डायनॉमिक्स लिमिटेड(बीडीएल)
- बीईएमएल लिमिटेड (बीईएमएल)
- मिश्र धातु निगम लिमिटेड(मिधानी)
- माझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल)
- गार्डन रीच शिप बिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लि. (जीआरएसई)
- गोवा शिपयार्ड लिमिटेड(जीएसएल)
- हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल)
- गुणता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए)
- वैमानिकी गुणता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीएक्यूए)
- मानकीकरण निदेशालय(डीओएस)
- योजना एवं समन्वय निदेशालय (डीपीएण्डसी)
- रक्षा प्रदर्शनी संगठन(डीईओ) और राष्ट्रीय रक्षा पोत निर्माण
- अनुसंधान व विकास संस्थान (निर्देश)
रक्षा उत्पादन में आत्म-निर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से आयुध निर्माणियां और सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रम अपनी क्षमताओं के निरंतर आधुनिक एवं उन्नयित तथा अपनी उत्पादन रेंज को विस्तृत कर रहे हैं । प्रौद्योगिकी अंतरण के माध्यम से विभिन्न उत्पादों एवं उपस्करों का उत्पादन करने के अलावा इन-हाउस अनुसंधान और विकास पहलों के जरिए प्रमुख उत्पादों का भारी संख्या में विकास किया गया है ।
एक नीति के रूप में सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षाउपक्रम और आयुध निर्माणियां अपने कई आवश्यकताओं की आउटसोर्सिंग करते रहे हैं तथा इन वर्षों में एक व्यापक विक्रेता आधार का विकास किया है जिसमें बड़े पैमाने के उद्योगों के अलावा, मध्यम एवं लघु पैमाने के उद्यम बड़ी संख्या में शामिल हैं । इसके अलावा, डीपीएसयू एवं ओएफबी ऐसे उपस्करों एवं उत्पादों में स्वदेशी मात्रा की बढ़ोतरी करने के लिए भी प्रयासरत हैं जो इनके द्वारा विनिर्मित किए जाते हैं ।
सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों/आयुध निर्माणियों के उत्पादन मूल्य तथा करोपरांत लाभ नीचे सारणी I और II में दर्शाए गए हैंः-
सारणी संख्या-1
कार्यकारी परिणाम
सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रम/आयुध निर्माणी बोर्ड के उत्पादन मूल्य
(करोड़ रुपए में)
क्रमांक | डीपीएसयू का नाम | 2012-13 | 2013-14 | 2014-15 | 2015-2016 |
---|---|---|---|---|---|
1 | एचएएल | 14202 | 15867 | 16289 | 16415 |
2 | बीईएल | 6290 | 6127 | 6659 | 7191 |
3 | बीईएमएल* | 2879 | 2814 | 2999 | 2742 |
4 | बीडीएल | 1177 | 1804 | 2770 | 4072 |
5 | जीआरएसई | 1529 | 1611 | 1651.31 | 1721 |
6 | जीएसएल | 507 | 509 | 569.55 | 690 |
7 | एचएसएल | 484 | 453 | 294.16 | 522 |
8 | एमडीएल | 2291 | 2865 | 3592.60 | 4009 |
9 | मिधानि | 537 | 572 | 640.04 | 686 |
10 | ओएफबी | 11975 | 11123 | 11364 | 13077 |
कुल | 41871 | 43745 | 46428.66 | 51125 |
* दर्शाए गए आंकड़े निवल हैं जो वर्तमान समझौता ज्ञापन के दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं ।
सारणी संख्या-II
डीपीएसयू का कर पश्चात लाभ :
(करोड़ रुपए में)
क्रमांक | डीपीएसयू का नाम | 2012-13 | 2013-14 | 2014-15 | 2015-16 |
---|---|---|---|---|---|
1 | एचएएल | 2997 | 2693 | 2388 | 1700 |
2 | बीईएल | 890 | 932 | 1167 | 1287 |
3 | बीईएमएल | -80 | 5 | 6.76 | 9.6 |
4 | बीडीएल | 288 | 346 | 419 | 473 |
5 | जीआरएसई | 132 | 121 | 43.45 | 115 |
6 | जीएसएल | 16 | -61 | 78.24 | 63 |
7 | एचएसएल | -55 | -46 | -202.84 | -87 |
8 | एमडीएल | 413 | 398 | 491.59 | 423 |
9 | मिधानि | 83 | 83 | 102.13 | 109 |
कुल | 4684 | 4471 | 4493.33 | 4131 |